PARALLEL LIFE (समांतर जीवन)- "एक आश्चर्यजनक संयोग"........ पुनर्जन्म की मान्यता तो हमारे हिन्दू धर्म में सदियों से चली आ रही है जिसमे यह माना जाता है की मनुष्य की मृत्यु होने पर केवल शरीर नष्ट होता है न की आत्मा| हिन्दू धर्म के प्राचीन वेद,पुराणों में भी पुनर्जन्म के साक्ष्य मिलते है | कहा जाता है की “आत्मा अजर और अमर है”, जिसका कभी भी विनाश नही हो सकता | 84 लाख योनियों में जन्म लेने के बाद ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है | ऐसा हमारे वेद, पुराणों में कहा गया है | जब व्यक्ति साधना के बल पर सांसारिक दुविधाओं से मुक्त होकर स्वयं को जान लेता है तब जन्म की प्रक्रिया से भी मुक्ति पा लेता है। फिर भी अपनी स्वेच्छा से जन्म धारण कर सकता है। मूल रूप से सभी को अपने पूर्व जन्मों की यादो को भूलना पड़ता है | मृत्यु हो जाने पर आत्मा पुनः जीवन को धारण करता है | प्राचीन वेदों में तो यहाँ तक कहा गया है कि मनुष्य के पिछले जन्म में कर्म के अनुसार ही उसके जन्म का निर्धारण होता है | हिन्दू धर्म के कुछ लोगो का यह भी मानना है कि एक मनुष्य के जैसे 7 मनुष्य इस संसार में होते है | पुनर्जन्म की
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